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शनिवार, 10 अप्रैल 2010
ये हाथ.....
यह बचपन का हाथ आपसे अपना भविष्य मांग रहा है
इनकी आँखें भी आपकी हरकतों को जोह रही है और अपनी आपा को तलाश रही है
हाथ टूट गए अब कौन से हाथ इसके भविष्य को मजबूत करेगा आप जवाब दे सकते हैं इनकी आँखों के सवाल का ?
ये हंसी है मादक जिसे हम कहते है सुरूर अंग अंग में फ़ैल रहे इसकी मदहोशी का क्या अंदाजा आप लगा लेंगे
सवारी है जिसे आपको बिठाकर आप के ही हाथ खींचते रहते हैं आप .....
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aap kee rachna padhee hai
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