सानिया-शोएब-आयशा का लव ट्रेंगल आखिरकार टूट गया. भरपूर मुम्बईया फ़िल्मी मसाले से भरपूर इस कहानी ने कई पुरानी हिंदी फिल्मों की याद ताज़ा कर दी. तमाम राजेश खन्नाओं-जीतेंद्रों-अनिल कपूरों-गोविन्दाओं की आत्मा आज चीत्कार कर रही होगी कि, उनकी फिल्मों की कहानियों का ऐसा भी हश्र हो सकता है, या वे इस बात पर रश्क कर सकते हैं कि उनके द्वारा अभिनीत फिल्मों की कहानियां अब वास्तविक रूप में भी असर करने लगीं हैं. इस पूरे घटनाक्रम में पहली बार हार, 'हीरो' की हुई है.आयशा सिद्दीकी 'भारतीय' महिला होकर भी 'पाकिस्तानी' खलनायक के सामने बौनी साबित हुई हैं. महज़ ५-५ हज़ार रूपये तीन महीने तक के सौदे पर पाकिस्तानी झूठे के तीन तलाक मंज़ूर हो गए. पहले आयशा को अपनी 'आपा'(बड़ी बहन) बताने वाला शोएब कितना झूठा होगा इस बात की कल्पना उसके भोले चेहरे को देखकर नहीं की जा सकती थी. इससे यह बात भी साबित हो गई की शोएब के रूप में हांडी के चावल के एक दाने की परख पुनः पुख्ता हो गई कि पाकिस्तानी खून कितना झूठा होता है? यह भी साबित हो गया कि पाकिस्तानियों को रिश्तों का कोई इल्म नहीं है. ससुराल में दामाद की खातिरदारी करने की हिन्दुस्तानी परम्परा काफी पुरानी है, सानिया भारत की बेटी हैं, इस नाते शोएब देश के दामाद हुए, सो उनका सत्कार करना परंपरा का अंग होगा. वैसे भी हम लोग इतने ज्यादा सहिष्णु हैं कि हम आने वाले दोस्त-दुश्मन में कोई भेद-भाव नहीं करते......अतिथि देवो भवः....पाकिस्तानी आतंकवादी हमारे देश में किसी भी रूप में आकर विचरण करते हैं.....यहाँ-वहां बारह महीने दिवाली मना कर बम फोड़ते हैं....संसद भवन में घुसकर हमला कर देते हैं.....हमारे हवाई जहाज चुरा ले जाते हैं....नकली नोटों का कारोबार हमारी ज़मीन पर करते हैं....नशे का कारोबार भी यहीं से करते हैं.....तो क्या हुआ, हैं तो वे हमारे मेहमान. शोएब को सच्चे पाकिस्तानी का तमगा दिया जा सकता है, उन्हें मैच फिक्सिंग के आरोपों में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम से बाहर कर दिया गया था, पकिस्तान ने 'सानिया फतह' की ख़ुशी में उनकी सज़ा माफ़ करने का फैसला कर लिया है. शादी के उपहार स्वरुप शोएब को टीम में वापसी मिलेगी.भारतीय, दामाद भी बने तो किसके...साला वो पाकिस्तानी.....
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aap kee rachna padhee hai