शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2009

डांस की आड़ में देह का ब्यापार
राजस्थान के विभिन्न इलाकों में प्रायः देह व्यापार के अनैतिक व्यवसाय का भांडा फोड़ होता रहता है लेकिन इस व्यवसाय को बंद करने और कराने की ओर न तो सरकारी अधिकारी कोई तवज्जो देते और न ही इस सम्बेदनशील मसले को लेकर कोई सामाजिक पहल ही होती है . राज्य के अलग अलग इलाकों में प्रमुखतः व्यावार,अजमेर,अलवर और कोटा इस कारोबार में काफी आगे है. राजस्थान,उत्तर प्रदेश और उडीसा एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ देह व्यापार की प्रथा का इतिहास है या यूँ कहें कि यह एरिया देहव्यापार का इतिहास लिए अपनी खासियत छुपाये रक्खी है. पिछले सालों से जयपुर चम्पा मछरों की भांति निरंतर सवारियों के खेल में काफी तरक्की कर रहा है. अपने निकटवर्ती इलाकों में भी जयपुर राजस्थान का एक ऐसा सवारियों वाला मंडी बनता जा रहा है जिससे गरम गोश्त के सौदाईओं की बांछे खिलती जा रही है. राजस्थान का कोई भी शहर इस गरम गोश्त के कारोबार से अछूता नहीं हैं. इन इलाकों में ज्यादा तर सवारियों का धंधा होता है. या यूँ कहें की इधर इस व्यापार की खास क्वालिटी है जिसका नाम सवारी का दिया गया है. यानी वो औरतें जिन्हें इस शहर से उस शहर में जिस्म के भिखारियों के आगे भेजा जाता है उस माल को सवारी और जिस माल(औरत) का इस्तेमाल स्थानीय स्तर पर ही किया जाता है उसे गाडी कहा जाता है.
देश के विशिष्ट धार्मिक जगहों में से एक अजमेर का नाम आता है. दुनिया के कोने कोने से लोग यहाँ सदियों से आते रहे हैं. आज यह पवित्र स्थल भी गरम गोश्त के कारोबार में शामिल है. अभी पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर जिस्मफरोशी के लिए लड़कियों को अरब देश में सप्लाई करनेवाले एक गिरोह का पर्दाफाश कर अजमेर में पिता-पुत्र को हिरासत में लिया तो यह खबर पक्की लगने लगी कि जिस्म के सौदाइयों ने अजमेर में अपने पांव जमा चुके हैं. अजमेर के तोपदरा निवासी राजकुमार ने एक नाबालिग़ लडकी को नौकरी दिलाने का झांसा देकर तोपदरा में लाकर कैद कर दिया. जिस मकान में उस युवती को कैद किया गया वहां पहले से ही सात और लड़कियाँ मौजूद थीं जिन्हें शराब पिलाकर रखा गया था जिससे वो भाग न सके. अगवा लडकी के परिजनों को किसी तरह उसके अजमेर में होने की भनक लगी. उन्होंने राजू से फोन पर बात कर उनकी बेटी को तत्काल दिल्ली पंहुचाने की चेतावनी दी. पुलिस में मामला जाने के भय से राजकुमार ने अगवा लडकी को अपने सहयोगियों अंजली और अब्दुल के साथ दिल्ली के लिया रवाना कर दिया . दिल्ली पहुँचते ही अगवा लडकी उनके चंम्गुल से निकलकर सुल्तानपुरी थाने पहुँच गई और पुलिस को सारे हालात से वाकिफ कराया. पुलिस ने अंजली की निशानदेही पर अजमेर निवासी राजू और उसके पिता बाबू लाल को तत्काल हिरासत में ले लिया. दूसरी ओर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लड़कियों का अपहरण कर उन्हें खाड़ी देशों में भेजेने के आरोप में दिल्ली पुलिस आयुक्त और अजमेर पुलिस अधीक्षक को एक नोटिस भेजा .
आज डांस स्कूल और मयूजिकल ग्रुप की आड़ में चलनेवाली जिस्मफरोशी का काम राजस्थान के कई इलाकों काफी उरूज पर है जिसका इन दिनों अजमेर एक महत्वपूर्ण मण्डी बना हुआ है. जिस्म फरोशी के इस गोरख धंधे में अब तक जो भी मामले बेनकाब होते आये हैं उससे समाज में पनप रहे पाप का गहरा दलदल ही मिला. डांस ग्रुप में नौकरी और बेहतर कमाई की लालच में फंस कर दिल्ली के एक शादी शुदा युवती जब जयपुर में टोंक रोड स्थित होटल में पकडी गई तो एक देह व्यापार के बड़े सरगना को बेनकाब किया जा सका. उस युवती को जयपुर की एक महिला के हाथों बेच दिया गया . उस महिला ने उसे देहव्यापार के सरगना के हवाले कर दिया जिसने दस दिनों तक उस होटल में निरंतर सामूहिक बलात्कार किया. अंत में जब पुलिस ने इस मामले को उजागर किया तो होटल मालिक समेत एक दर्जन भर लोग काबू में लिए गए.
हसरतों की नाच में अपनी बर्बादी को दावत देनेवाली सुनीता का जिक्र भी कम गौर करने लायक नहीं है. सुनीता इस खेल की इतनी बड़ी खिलाडी निकली कि उसने अपने वतन को ही शर्मशार कर दिया. सोनू(सुनीता) के दुर्दिनों की गाथा बीस साल की उम्र में शुरू हो गई. धनकुबेरों और रईसजादों की मन बहलावे के लिए होने वाले मयूजिकल ग्रुप शोज में नाचते-नाचते सोनू के पाँव बदनाम गलियों में बहकने लगे. उस तंग गलियों की रंगीनियों के पीछे छिपे अँधेरे में सोनू ने अपने जिस्म गरम गोश्त के आशिकों के आगे बिछाने शुरू कर दिए. रोज हजारों की आमदनी देख उसने भुला दिया कि उसकी मर्यादा क्या है? अजमेर के ख्यातनाम मयूजिकल ग्रुप में काम करते हुए शोनू आगे बढ़ने के लिए जयपुर चली गई. शुरू में अपनी बहन के साथ वह जयपुर में रहने लगी, जमने के लिए पहले छोटे छोटे शोज करती थी. इसी क्रम में कुछ पारखियों की नजरें इनायत हुई तो उसके लिए नई राहें खुलने लगी. चंदपाल का चुन्नी जयपुरी डांस ग्रुप काफी मशहूर हुआ करता था. सोनू इसी के साथ जुड़ गई. एक बार इस ग्रुप के साथ अबुधाबी में शो करने का मौका क्या मिला सोनू तो निहाल हो गई. उसी दौरान इब्राहीम रहमतुल्ला नामक व्यक्ति से उसकी मुलाकात अबूधाबी में ही हुई. इब्राहीम अबुधाबी में पुलिस सब इंस्पेक्टर की नौकरी करता था जिसे उसने बाद में छोड़ दिया और डांस ग्रुपों के शोज करने की आड़ में जिस्म के कारोबार में आ कूदा. सबसे पहले सोनू ही उसकी शिकार हो गई. सोनू की कातिल अदाओं को अफसरों के आगे बिछाकर बीजा और पासपोर्ट बनवाना और इसके अलावा बड़े बड़े रईसों की रातें रंगीन करने में सोनू अपने को न जाने क्या समझने लगी ? कौन सा शौक रह गया जिसे सोनू ने हासिल नहीं किया महंगे कपडे, जेवरर और बेहतर रहन-सहन सोनू को तो बस जन्नत मिल गया इसी जहाँ में . अचानक एक दिन इब्राहीम के जरिये सोनू की मुलाकात अबुधाबी में ही आई एस आई एजेंट फैज अहमद से हुई. उसे अपनी अदाओं में लपेट ली और सोनू भी आई एस आई एजेंट बन गई. फिर भारत आकर जोधपुर और जामनगर में अपनी हुस्नो जमाल से अफसरों को मदहोश कर देने वाली सोनू अफसरों को लुभाकर जोधपुर और जामनगर में वायु सेना की छावनी के फोटो और सामरिक दस्तावेज पाकिस्तान भेजने में कामयाब रही. उसकी कार्य छमता को देखते हुए आई एस आई ने हवाला के जरिये सोनू को करीब चार लाख रूपये भेजे थे. इब्राहीम हमेशा सोनू की पति के रूप में अपने आप को पेश करता था था. लगातार उसकी देशद्रोही गतिविधियों की जानकारी आई.बी. की नजरों तक आखिर चली ही गई और सोनू इस बीच तीन बच्चों की माँ भी बन गई. अब आई बी की नजरों में इब्राहीम और सोनू की हकीकत सामने आने लगी और भांडा फ़ुट गया. दोनों ने अपनी महात्वाकान्छाओं की खातिर वतन से जो गद्दारी की उसके बाद उसका और उसकी संतानों के साथ क्या होगा यही सवाल लिए आज सोनू और इब्राहीम के बच्चे यतीम खानों तक में रहने लायक जिन्दगी नहीं वरण कर पा रहे हैं.

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